प्रश्न :- पिछले वर्ष धान की फसल में पौधे बहुत अधिक संख्या में बाली सहित भूरे हो गये थे और इनमें कोई दाना प्राप्त नहीं हुआ । रोग का कारण एवं उपचार बतायें ।
उत्तर यह धान का भूरा धब्बा रोग है । रोग के लक्षण प्रकट होते ही मैंकोजेब की २.५ ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें । दस-बारह दिन के अन्तर पर २-३ छिड़काव की आवश्यकता होती है । कम नत्रजन की अवस्था में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है अतः संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें । बुवाई से पूर्व २ ग्राम थायराम +1 ग्राम कार्बेन्डाजिम से बीज शोधन करें । रोग दिखाई पड़ने पर मैकोजेब के ०.२५ प्रतिशत घोल के २-३ छिड़काव १०-१२ दिन के अन्तराल पर करें ।
उत्तर यह धान का भूरा धब्बा रोग है । रोग के लक्षण प्रकट होते ही मैंकोजेब की २.५ ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें । दस-बारह दिन के अन्तर पर २-३ छिड़काव की आवश्यकता होती है । कम नत्रजन की अवस्था में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है अतः संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें । बुवाई से पूर्व २ ग्राम थायराम +1 ग्राम कार्बेन्डाजिम से बीज शोधन करें । रोग दिखाई पड़ने पर मैकोजेब के ०.२५ प्रतिशत घोल के २-३ छिड़काव १०-१२ दिन के अन्तराल पर करें ।
Plant Protection
उत्तर यह धान का भूरा धब्बा रोग है । रोग के लक्षण प्रकट होते ही मैंकोजेब की २.५ ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें । दस-बारह दिन के अन्तर पर २-३ छिड़काव की आवश्यकता होती है । कम नत्रजन की अवस्था में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है अतः संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें । बुवाई से पूर्व २ ग्राम थायराम +1 ग्राम कार्बेन्डाजिम से बीज शोधन करें । रोग दिखाई पड़ने पर मैकोजेब के ०.२५ प्रतिशत घोल के २-३ छिड़काव १०-१२ दिन के अन्तराल पर करें ।
Plant Protection
उत्तर यह धान का भूरा धब्बा रोग है । रोग के लक्षण प्रकट होते ही मैंकोजेब की २.५ ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें । दस-बारह दिन के अन्तर पर २-३ छिड़काव की आवश्यकता होती है । कम नत्रजन की अवस्था में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है अतः संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें । बुवाई से पूर्व २ ग्राम थायराम +1 ग्राम कार्बेन्डाजिम से बीज शोधन करें । रोग दिखाई पड़ने पर मैकोजेब के ०.२५ प्रतिशत घोल के २-३ छिड़काव १०-१२ दिन के अन्तराल पर करें ।