उत्तर - यह लीची की आग समस्या है । यदि फल पकते समय तापमान ३८ डिग्री से. से अधिक हो जाता है तथा आर्दता ७० प्रतिशत से कम हो जाती है उस दशा में लीची के फल अधिक संख्या में फटने लगते हैं । इसके निदान हेतु मई माह में बोरेक्स के एक प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिये तथा बाग की ७-१० दिन के अन्तराल में सिंचाई करनी चाहिये । पौधों पर सादे पानी का छिड़काव भी किया जा सकता है । किसी भी दशा में पौधों के थाले में नमी का अभाव फल बढ़ते समय नही होना चाहिये । साथ- साथ बाग के चारों तरफ बाड़ भी लगानी चाहियें । जिससे गर्म हवा का प्रभाव कम हो सके ।
Phyiological disorder
उत्तर - यह लीची की आग समस्या है । यदि फल पकते समय तापमान ३८ डिग्री से. से अधिक हो जाता है तथा आर्दता ७० प्रतिशत से कम हो जाती है उस दशा में लीची के फल अधिक संख्या में फटने लगते हैं । इसके निदान हेतु मई माह में बोरेक्स के एक प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिये तथा बाग की ७-१० दिन के अन्तराल में सिंचाई करनी चाहिये । पौधों पर सादे पानी का छिड़काव भी किया जा सकता है । किसी भी दशा में पौधों के थाले में नमी का अभाव फल बढ़ते समय नही होना चाहिये । साथ- साथ बाग के चारों तरफ बाड़ भी लगानी चाहियें । जिससे गर्म हवा का प्रभाव कम हो सके ।