Skip to main content

87 वां कृषि कुम्भ संपन्न

कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर द्वारा आयोजित 87 वां अखिल भारतीय कृषि एवं पशु प्रदर्शनी, किसान मेला (मार्च 6-9, 2010 ) का आयोजन संपन्न

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के प्रसार शिक्षा निदेशालय  द्वारा  अखिल भारतीय किसान मेले का आयोजन   मार्च 6-9, 2010 के मध्य किया गया l इस मेले का उदघाटन माननीय गोविन्द सिंह बिष्ट, शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार, उत्तराखंड शासन द्वारा किया गया l

इस मेले में इस वर्ष 451 (99 बड़ी व 352 छोटी) फर्मो ने हिस्सा लिया। कुल लगभग 45000 किसानों ने किसान मेले का भ्रमण किया जिसमें से 15000 से अधिक कृषकों ने पंजीकरण भी करवाया। यह किसान उत्तराखण्ड के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार झारखण्ड महाराष्ट्र राजस्थान मध्य प्रदेश हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से भी आये थे। उपरोक्त राज्यों के अतिरिक्त हमारे पड़ौसी राष्ट्र नेपाल से भी किसानों ने इस मेले में प्रतिभाग किया। इस वर्ष विश्वविद्यालय के विभिन्न केन्द्रों द्वारा लगभग 15 लाख रुपये मूल्य का बीज फलदार पौध, सब्जी की पौध तथा जड़ी-बूटी की पौध का विक्रय भी किया। पंजीकृत कृषकों को विश्वविद्यालय के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जैसे फसल अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, सब्जी अनुसंधान केन्द्र, संगन्धीय एवं औशधीय अनुसंधान केन्द्र, पुष्प अनुसंधान केन्द्र तथा कुक्कुट एवं पशुपालन अनुसंधान केन्द्रों का भ्रमण कराया गया जिसके अन्तर्गत कृषकों को वर्तमान में चल रहे सभी अनुसंधानों एवं प्रदर्शनों की जानकारी दी गई। किसानों के कृषि सम्बन्धी ज्ञान को बढ़ाने हेतु निम्न सामयिक विषयों पर दिन में विशेष व्याख्यानमाला आयोजित की गई: बदलते मौसम के परिपेक्ष्य में खेती, उपलब्ध सिंचाई जल के सदुपयोग हेतु आधुनिक विधियाँ एवं पुष्प उद्पदन  -अधिक आय हेतु विकल्प। साथ ही किसानो की समस्याओं के निवारण हेतु प्रतिदिन विचार-गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा इस किसान मेले के दौरान अनेक प्रतियोगिताओं जैसे- पशु प्रदर्शनी उद्यान प्रदर्शनी  एवं जुताई प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

किसान मेले का समापन माननीय कुलपति, पंतनगर विश्वविद्यालय,  डा0 बी0 इस0 बिष्ट जी द्वारा किया गया l समापन समारोह में प्रतियोगिता में विजेयित फर्मों, एवं अन्य प्रतियोगियों को पुरुस्कार एवं सम्मान प्रदान किये गए l विश्वविद्यालय के अन्तर्गत कार्यरत विभिन्न कृषि  विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से कृषि  में नवीनतम तकनीकों को अपनाकर कृषि  पद्धति में अभिनव परिवर्तन करने हेतु कुछ प्रगतिशील  कृषकों का चयन कर उन्हें कृषक सम्मान से सम्मानित भी किया गया है। यह कृषकों को उत्साहित करने की दिशा में दिया गया एक अभिनव कदम है। उक्त कार्यक्रमों के अतिरिक्त किसानों के मनोरंजन हेतु शाम को विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रमों जैसे सांस्कृतिक संध्या आदि l

krishi kumbh  krishi kumbh2


0
Your rating: None

Please note that this is the opinion of the author and is Not Certified by ICAR or any of its authorised agents.