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स्थान-विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन

स्थान-विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन

स्थान-विशिष्ट पोषक तत्व प्रंबधन रणनीति का उद्‌देश्य उचित पोषक तत्व एवं फसल प्रबंधन के द्वारा समगतिशील, अधिक तथा लाभकारी उपज प्राप्त करना है, जिसके लिए निम्नलिखित आवश्यक हैः

  1. सभी सुलभ पोषक तत्व स्रोतों का कुशल उपयोग करना जिसमें जैव खादें, फसल अवशेष, तथा अकार्बनिक उर्वरक सुलभता एवं कीमत के अनुसार सम्मिलित हो।
  2. पत्ती रंग पटि्‌टका का उपयोग करते हुए पादप आवश्यकता आधारित नाइट्रोजन प्रबंधन रणनीति का अनुपालन।
  3. पोषक तत्व वंचित क्यारी के उपयोग द्वारा मृदा की नैसर्गिक पोषक तत्व आपूर्ति (विशेषतः फास्फोरस तथा पोटैशियम) का निर्धारण।
  4. फसल को पोषक तत्वों (प्रमुख तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों  ) की संतुलित आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  5. मृदा पोषक तत्वों के भंडार का ह्रास रोकने हेतु दाना तथा पुआल में निष्कासित पोषक तत्वों (विशेषतः फास्फोरस तथा पोटैशियम) को प्रतिस्थापित करना।
  6. उर्वरक स्रोतों के न्यूनतम कीमत वाला संयोजन का चयन।
  7. उच्च गुणवत्ता वाला बीज तथा उपयुक्त पौध-सघनता का उपयोग, समेकित नाशीजीव प्रबंधन तथा उत्तम फसल प्रबंधन तांकि स्थान-विशिष्ट पोषक प्रबंधन का पूरा लाभ प्राप्त हो सके, तथा
  8. स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्थान विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन का अनुकूलन (जैसे किसानों के सहभागिता के साथ उनके खेतों में उपज तथा लाभ का मूल्यांकन)।
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