Submitted by krishnadubey on Fri, 30/12/2011 - 10:12
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स्थान-विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन
स्थान-विशिष्ट पोषक तत्व प्रंबधन रणनीति का उद्देश्य उचित पोषक तत्व एवं फसल प्रबंधन के द्वारा समगतिशील, अधिक तथा लाभकारी उपज प्राप्त करना है, जिसके लिए निम्नलिखित आवश्यक हैः
- सभी सुलभ पोषक तत्व स्रोतों का कुशल उपयोग करना जिसमें जैव खादें, फसल अवशेष, तथा अकार्बनिक उर्वरक सुलभता एवं कीमत के अनुसार सम्मिलित हो।
- पत्ती रंग पटि्टका का उपयोग करते हुए पादप आवश्यकता आधारित नाइट्रोजन प्रबंधन रणनीति का अनुपालन।
- पोषक तत्व वंचित क्यारी के उपयोग द्वारा मृदा की नैसर्गिक पोषक तत्व आपूर्ति (विशेषतः फास्फोरस तथा पोटैशियम) का निर्धारण।
- फसल को पोषक तत्वों (प्रमुख तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों ) की संतुलित आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- मृदा पोषक तत्वों के भंडार का ह्रास रोकने हेतु दाना तथा पुआल में निष्कासित पोषक तत्वों (विशेषतः फास्फोरस तथा पोटैशियम) को प्रतिस्थापित करना।
- उर्वरक स्रोतों के न्यूनतम कीमत वाला संयोजन का चयन।
- उच्च गुणवत्ता वाला बीज तथा उपयुक्त पौध-सघनता का उपयोग, समेकित नाशीजीव प्रबंधन तथा उत्तम फसल प्रबंधन तांकि स्थान-विशिष्ट पोषक प्रबंधन का पूरा लाभ प्राप्त हो सके, तथा
- स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्थान विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन का अनुकूलन (जैसे किसानों के सहभागिता के साथ उनके खेतों में उपज तथा लाभ का मूल्यांकन)।
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