Skip to main content

Please note that this site in no longer active. You can browse through the contents.

शिशु मक्का उत्पादन

शिशु मक्का उत्पादन

शिशु मक्का, मक्का का अनिषेचित भुट्टा है जिसे सिल्क निकलते ही तोड़ लिया जाता है इसका प्रयोग अनेक प्रकार के व्यंजन बनाने में किया जाता है यहाँ बहुत ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ है जिसको सभी लोग प्रयोग में ला सकते है

प्रजातियों का चयन:

अल्प अवधी में पकाने वाली एकल क्रास प्रजातियाँ उत्तम होती है

१. एच. एम. -४ २००५

२. बी. एल. - ४२ १९८८

३. प्रकाश १९९७

४. पूसा अगेती संकर मक्का -३ २००१

५.  पूसा अगेती संकर मक्का -५  २००४

६.  विवेक संकर मक्का - ९ २००१

बोवाई का समय:

दिसम्बर - जनवरी को छोड़ कर वर्ष के किसी भी समय शिशु मक्का की बोवाई  की जा सकती है

बोवाई की विधि:

४५ x २० सेमी के अंतराल पर २ पौध पत्ती सहित पौधों को अधिक संख्या का होना चाहिए / इस तरह पौध की संख्या का घनात्वा १७५००० / हे. होना चाहिए

बीज दर:

२५ - ३० किग्रा /  प्रति हेक्टेयर बीज का प्रयोग करें

उर्वरक की मात्रा:

फोस्फोरस, पोटाश, जिंक की पूरी मात्रा तथा नित्रोजन की १/३ मात्रा बोवाई के समय, १/३ मात्रा बोवाई के २५ दिन बाद तथा १/३ मात्रा जीरा निकलते  समय देना चाहिए

खरपतवार नियंत्रण:

बोवाई के तीन दिन के अन्दर १.५ किग्रा एट्राजीन ६०० लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से (फ्लेट पैन नाजिल) चौड़ी पट्टी वाले खरपतवार नहीं उगते हैं

नर मंजरी की तोड़ाई:

जैसे ही पौध में नर मंजरी निकलना प्रारंभ हो उसे आधार से तोड़ कर अलग कर देना चाहिए विलम्ब से तोड़ी करने पर गुणवात्ता  में कमी आती है १५ दिन के अन्दर २ - ३ तोड़ाई की जा सकती है

उपज:

१५ - २० कुंतल / हे. शिशु मक्का प्राप्त हो जाता है इसके अतरिक्त २०० - २५० कुंतल हरा चारा भी प्राप्त होता है

शिशु भुट्टे का भंडारण एवं संवहन:

तोराई के तुरंत बाद भुट्टे की ग्राडिंग उनके आकार के आधार पर करने के लिए भुट्टे को ढकने वाली पत्तियों को हटाकर कर लेनी चाहिए तथा पॉलीथीन बैग में उन्हें बंद करके विपणन हेतु भेज देना चाहिए बर्फ के तुकडे के बीच में उन्हें ५ दिन तक रखा जा सकता है

अन्य कृषि क्रियाएँ सामान्य मक्के की तरह होती है

पॉप कार्न:

इसकी सभी शस्य क्रियाएँ मक्का के समान होती है

बीज दर: १५ किग्रा / हे.

पंक्ति से पंक्ति की दूरी: ६० सेमी

पौध से पौध की दूरी: १५ सेमी

स्वीट कार्न:

इसकी सभी शस्य क्रियाएं मक्का के सामान होती है हरी बाली १२० -१२५ दिन में तैयार हो जाती है