Submitted by JP Jaiswal on Tue, 23/02/2010 - 15:41
Posted in
वानस्पतिक विवरण
मूल तंत्र :
- प्राथमिक मूल तंत्र - भू्रण से बीज अंकुरण के समय यह उत्पन्न होता है और यह तरूण पौधों के लिए पोशकों को अवशोशित करता है। बाद में ये स्थायी द्वितीयक मूल तंत्र से प्रतिस्थापित हो जाते हैं। द्वितीयक द्वितीयक मूल तंत्र - यह प्राथमिक मूल तंत्र के ऊपर के बिन्दु पर अवषोशण के मुख्य अंग के रूप में उत्पन्न होता है जैसे ही तरूण गेहूँ की पौध परिपक्वता की ओर आगे बढ़ती है। यह ऐसा मूल तंत्र होता है जो शिखर (क्राउन) मूल शुरूआत अवस्था के समय पर (सामान्यत: मेक्सिकन बौने गेहूँ में बोआई के 21-25 दिन बाद) भूमिगत गाँठों से उत्पन्न होता है।
- Login to post comments
- 3196 reads