Submitted by kanchannainwal1 on Mon, 01/02/2010 - 11:21
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रोपाई की समोच्च रेखा पध्दति
- मंद तंरगित भूभाग में इस पध्दति का अनुसरण किया जा सकता है।
- इस पध्दति में ढाल के आर-पार समोच्च रेखा के साथ खूड खोले जाते हैं।
यह पध्दति ढालू क्षेत्रों में अच्छी सिंचाई प्रबन्ध में सहायता करती है और मृदा अपरदन को नियंत्रित करने में सहायता करती है।
रायुन्गन विधि
- रोपाई समय से लगभग 4 से 6 सप्ताह पहले बीज वृंतों का शीर्ष भाग काट दिया जाता है।
- पार्ष्वीय प्ररोह रायुन्गन में विकसित हो जाते है और उन्हें काटकर 30 से.मी. गहरी खाइयों में रोप दिया जाता है।
- उन्हें ऊर्ध्वाधर (खड़ी) स्थिति में लगभग 40-50 से.मी. दूरी पर लगाया जाता है। कम से कम 2-3 गाँठें भूमिगत होनी चाहिए।
दूरी पर रोपाई
- ऊपरी सेटों (बीज खंड़ों) को एकत्र करके नर्सरी में लगाया जाता है और उनके अंकुरित एवं जड़ युक्त हो जाने के बाद खेत में 90 से.मी. पर उनकी रोपाई की जाती है।
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