१ क्षेत्र विशेष हेतु संस्तुत प्रजाति के प्रमाणित बीज की बुवाई समय से करें।
२ बीज शोधन अवश्य करें।
३ फास्फोरस एवं गन्धक हेतु सिंगिल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें।
४ बीज की मात्रा/हे. दाने के आकार एवं बुंवाई के समय को ध्यान मे रखते हुये निर्धारित करें।
५ रोग का नियंत्रण समय से करें
६ अंकुरित बीज को धान की कटाई से १५ दिन पूर्व बुवाई करने पर उपज में ३/- वृद्घि सम्भव है।