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मटर की खेती

प्रभावी बिन्दु:
१. क्षेत्रीय अनुकुलतानुसार प्रजाति का चयन कर प्रमाणित बीज का प्रयोग करें |
२. समय से बुवाई करें |
३. फास्फोरस एवं गंधक हेतु सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें |
४. रतुआ के नियंत्रण हेतु ०.१% जिंक सल्फेट का प्रयोग करें |
५. अतिशीघ्र पकने वाली मटर की प्रजातियों की अधिक उपज हेतु पौधों की संख्या ६.६ लाख (१५.१० सेमी.) प्रति हेक्टेयर सुनिश्चित करें |