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मक्का की खेती

अन्य आवश्यक क्रियाये: 

वर्षा के पानी तेज हवा से फसल को बचाने के लिए पौधों की जड़ों पर मिट्‌टी पलटने वाले हल से मिट्‌टी चढ़ा देनी चाहिये।

फसल की रखवाली: 

कौओं, चिड़ियों तथा जानवारों से फसल की रक्षा हेतु रखवाली आवश्यक है।

मुख्य बिन्दुं (इम्पैक्ट प्वाइंट्‌स)

१. जून के प्रथम पक्ष तथा पलेवा करके बुवाई करें।

२. क्षेत्र विशेष के लिए संस्तुत उन्नतिशील प्रजाति/संकुल/संकर का शोधित बीज प्रयोग करें।

. विरलीकरण (थिनिंग) द्वारा पौधों की निर्धारित दूरी/संख्या सुनिश्चित कर लें।

४. मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का संतुलित प्रयोग किया जायें।

५. जिंक तत्व की कमी के क्षेत्रों में अन्तिम जुताई के समय २० किलोग्राम प्रति हे० की दर से जिंक सल्फेट भूमि में मिलाकर बोया जाता है।

६. खरपतवारें को नष्ट करने के लिए सीमाजिन/एट्राजिन रसायनों का प्रयोग संस्तुत के आधार पर किया जाय।

७. फसल में लगने वाले कीट/रोगो की सामयिक रोकथाम की जाय।

८. मक्के की बालियों की पत्तियां पीला होने पर फसल की कटाई करें |