बीजोपचार
फसलो के रोग मुख्यतः बीज, मिटटी तथा हवा के माध्यम से फैलते है l इसमें से बीज तथा मिटटी से होने वाले रोगों द्वारा फसल को भारी क्षति होती है इसलिए इन रोगों से बचाओ के लिए बीजोपचार एक सस्ता व प्रभावी उपाय है l इससे बीज का जमाव अच्छा व सामान रूप से होता है l फसल भी स्वस्थ होती है l इस विधि में नाशीजीव नाशकों का अत्यंत कम मात्र में प्रयोग होता है, जिससे हमारा वातावरण एवं भूमि भी प्रदूषित नहीं होती है. बीजोपचार करने हेतु साफ एवं स्वस्थ बीज लेकर बुवाई के आधे से एक घंटा पूर्व छायादार स्थान पर पक्के फर्श या पालीथीन पर बीज को फैला दें l आवश्यकतानुसार बीजोपचार हेतु रसायन की मात्रा (सामान्यतः २ ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की देर से) लेकर पानी में लेप बना लें, इस घोल को बीज के उपर छिड़क कर दस्ताने पहने हाथों से भली भांति मिला देंl
सावधानियां
१. बीजोपचार हेतु खरीदे गए रसायन की अंतिम तिथि अवश्य देख लें l
२. रोग के अनुसार ही सम्बंधित रसायन का चयन करें एवं रसायन का प्रयोग संस्तुत मात्रा में ही करना चाहिए l
३. बीजोपचार के बाद उपचारित बीज को कभी भी खुली धुप में नहीं सुखाना चाहिए अपितु
छायादार स्थान पर ही सुखाना चाहिए l
४. बीजोपचार के बाद उपचारित बीज को ४ घंटे के अंदर बुवाई कर देना चाहिए l
५. बीज शोधन के समय हाथ में दस्ताने तथा चहरे पर साफ कपड़ा बांधना चाहिए बीज शोधन के पश्चात हाथ - पाँव व चहरा साबुन से भली - भांति धोना चाहिए l
- Login to post comments
- 3237 reads