बटन मशरूम उगाने के लिए कम्पोस्टखाद बनाने की तकनीक
बटन मशरूम की खेती एक विशेष विधि से तैयार की गई कम्पोस्ट खाद पर की जाती है। इस कम्पोस्ट को साधारण अथवा निर्जीवीकरण विधियों से बनाया जाता है।
साधारण विधि से कम्पोस्ट बनाने की तकनीक:- साधारण विधि से कम्पोस्ट बनाने में 20 से 25 दिन का समय लगता है। 100 सेंमी लम्बी, 50 सेंमी चौडी तथा 15 सेंमी ऊची 15 पेटियों के लिए इस विधि से कम्पोस्ट बनाने के लिए सामग्री:
- धान या गेहूं का 10-12 सेंमी लम्बाई में कटा हुआ भूसा - 250 किलोग्राम
- धान या गेहूं की भूसी - 20-25 किलोग्राम
- अमोनियम सल्फेट या कैल्शियम अमोनियम नाईट्रेट - 4 किलोग्राम
- यूरिया - 3 किलोग्राम
- जिप्सम - 20 किलोग्राम
- मैलाथियॉन - 10 किलोग्राम
जिस स्थान पर कम्पोस्ट तैयार करनी हो वहां पर गेहूं के भूसे की 8 से 10 इंच मोटी तह बिछाकर उसे पानी से अच्छी तरह से भिगो दें। पानी में भीगोने के लगभग 16 से 18 घंटे बाद उसमें जिप्सम तथा कीटनाशक को छोडकर बाकी सभी सामग्री अच्छी तरह से मिला दें। फिर उस सारी सामग्री का एक मीटर चौडा, एक मीटर ऊचा तथा समायोजित लम्बाई का ढेर बना दें। इस ढेर को प्रत्येक 3-4 दिन के अंतराल पर हवा लगाने के लिए फर्श पर खोलकर बिछा दें तथा आधा घंटे बाद दोबारा उसी आकार का ढेर बना दें। अगर भूसा सूखा लगे तो उस पर हल्का पानी छिडककर गीला कर लें। तीसरी पलटाई के दौरान कुल जिप्सम की आधी मात्रा मिला दें। शेष बचे जिप्सम को चौथी पलटाई के दौरान भूसे में मिला दें। पॉचवी पलटाई के दौरान 10 मिलि लिटर मैलाथियान को 5 लीटर पानी में घोलकर भूसे पर छिडकाव करें तथा अच्छी तरह से मिलाकर फिर से ढेर बना दें। अगले 3 से 4 दिनों में कम्पोस्ट खाद पेटियों में भरने योग्य हो जायेगा मशरूम का उत्पादन अच्छी कम्पोस्ट खाद पर निर्भर करता है अत: कम्पोस्ट बनाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ।
निर्जीविकरण विधि से कम्पोस्ट खाद दो चरणों में लगभग 14-15 दिनों में तैयार होती है
पहला चरण: इस विधि से कम्पोस्ट बनाने का पहला चरण साधारण विधि के समान ही है परन्तु इसमें पलटाई हर दूसरे दिन यानि लगभग 48 घंटे के बाद की जाती है तीसरी पलटाई में जिप्सम मिला दिया जाता है । 8 दिन बाद कम्पोस्ट दूसरे चरण के लिए तैयार हो जाती है ।
दूसरा चरण: दूसरे चरण में कम्पोस्ट को सीधे ही या फिर पेटीयों में भरकर भाप द्वारा पहले से 45 डिग्री ताप पर गर्म किये हुए निर्जीविकरण कक्ष में रखते हैं। इसके बाद इस कक्ष की सभी खिडकीयॉं दरवाजें बंद कर दें तथा अगले 2-3 दिनों तक भाप से अन्दर का तापमान 57-58 डिग्री पर बनाएं रखें । तीसरे दिन 2 घंटे के लिए इस कक्ष का ताप 60 से 62 डिग्री पर स्थिर करें तत्पश्चात कक्ष में ताजी हवा का प्रवाह बनाऐं तथा तापमान को धीरे-धीरे गिरकर 45 डिग्री तक आने दें ।अगले 3-4 दिनों तक कम्पोस्ट को सामान्य ताप तक ठंडा होने दें । सामान्य ताप पर आने पर कम्पोस्ट भरनें के लिए तैयार हो जाती है । तैयार कम्पोस्ट गहरे भूरे रंग की तथा गंध रहीत होती है तथा इसका PH लगभग उदासीन होता है ।
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