प्रजनक बीज गन्ना
जलाक्रांति, सूखा एवं हानिकारक कीटों से अप्रभावित फसल से आनुवंशिक दृष्टी से शुद्ध स्पष्ट रूप से स्व्स्थ्य गन्ना बीज लिया जाता है। इस बीज गन्ना को 2.5 घंटों तक 540 से. तापमान एवं 95% आपेक्षिक आर्द्रता पर आर्द्र तप्त वायु उपचार के अधीन रखा जाता है। बोआई से पहले सेटों (पोरियों) को संस्तुत कवकनाशी से उपचारित किया जाता है और संक्रमित या क्षतिग्रस्त कलिकाओं से युक्त सेटों को निकालने के लिए परीक्षा भी की जाती है। इनकी ऐसी खेतों में बोआई की जाती है जो जलभराव या जलाक्रांति उन्मुख नहीं होते हैं और जहाँ सुनिश्चित जल पूर्ति की व्यवस्था हो। अंकुरण अवस्था से लेकर कटाई तक मासिक अंतरालों पर फसल का निरीक्षण किया जाता है। यदि रोगग्रस्त पौधा दिखाई दे, उसे तत्काल उखाड़ दिया जाता है। फसल वृध्दि की विभिन्न अवस्थाओं पर आवश्यकता के अनुसार पेस्टीसाइजे का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार प्राप्त बीज गन्ना को प्रजनक या मूल बीज कहा जाता है।
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