Submitted by akanksha on Tue, 23/02/2010 - 10:39
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जीवाणु अंगमारी :
रोगकारी जीव : जैन्थोमोनास ओराइजी सीवी ओराइजी
- 300 से0 तक उच्च तापमान रोग विकास के लिए अनुकूल होता है जबकि 200 से0 तापमान पर घट जाता है।
- क्षतचिह्न बढ़ जाते है और अधिक उँचे तापमान पर पत्ती अधिक तेजी से मर जाती है।
- नाइट्रोजन उर्वरक की उँची दरें रोग के (आपतन) प्रकोप के लिए अनुकूल होती है।
- फॉस्फोरस एवं पोटैशियम न्यूनता और अतिरिक्त सिलिका एवं मैग्नीशियम भी रोग आपतन को बढ़ाते हैं।
प्रबन्ध :
- रोग मुक्त फसल से प्राप्त बीज का प्रयोग कीजिए।
- यथा संभव बारम्बार खेत से जल निकालते रखिए।
- रोगसहिष्णु प्रजातियां, जैसे आई0 आर0- 20, आई0 आर0- 54, आई0 आर0 64, पूसा 2-21, अजया, आशा एवं दया उगाइए।
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