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जीवाणु अंगमारी : धान

जीवाणु अंगमारी :

रोगकारी जीव : जैन्थोमोनास ओराइजी सीवी ओराइजी

  • 300 से0 तक उच्च तापमान रोग विकास के लिए अनुकूल होता है जबकि 200 से0 तापमान पर घट जाता है।
  • क्षतचिह्न बढ़ जाते है और अधिक उँचे तापमान पर पत्ती अधिक तेजी से मर जाती है।
  • नाइट्रोजन उर्वरक की उँची दरें रोग के (आपतन) प्रकोप के लिए अनुकूल होती है। 
  • फॉस्फोरस एवं पोटैशियम न्यूनता और अतिरिक्त सिलिका एवं मैग्नीशियम भी रोग आपतन को बढ़ाते हैं।

प्रबन्ध :

  • रोग मुक्त फसल से प्राप्त बीज का प्रयोग कीजिए।
  • यथा संभव बारम्बार खेत से जल निकालते रखिए।
  • रोगसहिष्णु प्रजातियां, जैसे आई0 आर0- 20, आई0 आर0- 54, आई0 आर0 64, पूसा 2-21, अजया, आशा एवं दया उगाइए।




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