(1) एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन हेतु कुछ सुझाव
१) मिटटी परीक्षण के आधार पर ही उर्वरको एवं जैविकी खादों का प्रयोग करें .
२) दलहनी फसलों में राइजोबियम कल्चर का प्रयोग अवश्य करें.
३) धान व् गेंहू के फशल चक्र में ढैंचे की हरी खाद का प्रयोग करें.
४) फशल चक्र में परिवेर्तन करें.
५) आवश्यकतानुसार उपलब्धता के आधार पर गोबर तथा कूड़े-करकट का प्रयोग कर कम्पोस्ट बनाई जाये.
६) खेत में फसलविशिष्ट जैविक पदार्थो को मिटटी में मिला दिया जाये.
७) विभिन्न प्रकार के जैविक उर्बरको तथा नात्रजनिक सैश्लेशी, फास्फेट को घुलनशील बनाने वाले बैक्टीरियल अलगल तथा फुगल बायोफटीलाइजर का प्रयोग करें.
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