अगस्त के मुख्य खेती-बाड़ी कार्य
फसलोत्पादन
धान
1 धान की देर से पकने वाली प्रजातियों की रोपार्इ अब न करें।
2 शीध्र पकने वाली प्रजातियों,जैसे साकेत 4 रत्ना, गोविन्द, नरेन्द्र 80 की रोपार्इ यदि न हूर्इ हीे तो शीर्ध पूरी कर लें, परन्तु इस समय रोपार्इ के लिए 40 दिन पुराने पौध का प्रयोग करे तथा 15×10 सेंमी की दूरी पर ,प्रति स्थान 3-4 पौध लगायें।
3 धान के रोपार्इ के 25-30 दिन बाद, अधिक उपज वाली प्रजातियों में प्रति हेक्टेयर 30 किग्रा नाइट्रोजन (65 किग्रा यूरिया) तथा सुगनिधत प्रजातियों में प्रति हेक्टेयर 15 किग्रा नाइट्रोजन (33 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग कर दें।
4 नाइट्रोजन की इतनी ही मात्रा की दूसरी व अनितम टाप ड्रेसिंग रोपार्इ के 50-55 दिन बाद करनी चाहिए।
5 ध्यान रहे टाप ड्रेसिंग से पूर्व खरपतवार निकाल दें तथा टाप ड्रेसिंग करते समय खेत में 2-3 सेंमी से अधिक पानी न खड़ा हो।
6 खैरा रोग की रोकथाम के लिए प्रति हेक्टेयर 5 किग्रा जिंक सल्फेट तथा 2.5 किग्रा चूना या 20 किग्रा यूरिया को 1000 लीटर पानी में धोलकर छिड़काव करें।
7 धान के तनाछेदक कीट की रोकथाम के लिए ट्राइकोग्रामा नामक परजीवी को 8-10 दिन के अन्तराल पर छोड़ना चाहिए या प्रति हेक्टेयर 20 किग्रा काबोफ्यूरान दवा खेत में 4.5 सेंमी पानी होने पर प्रयोग करें अथवा क्लोरपायरीफास 20 र्इ.सी. 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
8 धान में फुदके से बचाव के लिए फोरेट 10 जी प्रति हेक्टेयर 10 किग्रा खेत में 4.5 सेंमी पानी रहने पर प्रयोग करें अथवा मोनोक्रोटोफास 36 र्इ.सी. 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से पौधों के निचले भाग पर छिड़काव करें।
9 धान की फसल से अधिक उपज के लिए खेत में हमेशा पानी भरा रहना आवश्यक नही है। वर्षा न होने की सिथति में 6-7 दिनों के अन्तराल पर सिचार्इ करें।
मक्का
1 मक्का में नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर 40 किग्रा (87 किग्रा यूरिया) की दूसरी व अनितम टाप ड्रेसिंग बोआर्इ के 45-50 दिन बाद, नरमंजरी निकलते समय करनी चाहिए । ध्यान रहे की खेत में उर्वरक प्रयोग करते समय पर्याप्त नमी हो।
2 फसल में नरमंजरी व बाली बनते समय नमी की कमी नही होनी चाहिए अन्यथा उपज में 50 प्रतिशत तक कमी हो सकती हैं।
3 मक्का के तनाछेदक कीट से बचाव के लिए लिण्डेन 6 प्रतिशत ग्रेन्यूल 20 किग्रा अथवा कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत ग्रेन्यूल 20 किग्रा प्रयोग करें।
ज्वार
1 ज्वार की फसल में विरलीकरण (थिनिंग) कि्रया द्वारा लाइन में पौधों की आपस की दूरी 15-20 सेंमी कर देनी चाहिए।
2 संकर उन्नत प्रजातियों में विरलीकरण (थिनिंग) कि्रया के बाद प्रति हेक्टेयर 50-60 किग्रा नाइट्रोजन (108-130 किग्रा यूरिया) की दूसरी व अनितम टाप ड्रेसिंग बोआर्इ के 30-35 दिन बाद करें।
3 ज्वार के तनाछेदक कीट के नियंत्रण के लिए लिण्डेन 6 प्रतिशत ग्रेन्यूल या कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर 20 किग्रा की दर से प्रयोग करें।
बाजरा
1 बाजरा की बोआर्इ माह के मध्य तक अवश्य पूरी कर लें।
2 बोआर्इ के 15 दिन बाद, कमजोर पौधों को निकालकर लाइन में पौधों की आपस की दूरी 10-15 सेंमी कर लेनी चाहिए।
3 उच्च उत्पादन वाली प्रजातियों में नाइट्रोजन की शेष आधी अर्थात प्रति हेक्टेयर 40-50 किग्रा मात्रा (87-108 किग्रा यूरिया ) की टाप ड्रेसिंग कर दें।
मूँग-उर्द
1. खेत में निरार्इ-गुड़ार्इ करके खरपतवार निकाल दें।
2. पीला मोजैक रोग की रोकथाम के लिए ड़ार्इमेथोएट 30 र्इ.सी. या मिथाइल-ओ-डिमेटान 25 र्इ.सी. की एक लीटर मात्रा को 1000 लीटर पानी में धोल कर आवश्यकतानुसार 10-15 दिनों के अन्तराल पर 3-4 छिड़काव करें।
सोयाबीन
2. फसल की बोआर्इ के 20-25 दिन बाद निरार्इ कर खरपतवार निकाल दें। आवश्यकतानुसार दूसरी निरार्इ भी बोआर्इ के 40-45 दिन बाद करें।
3. सोयाबीन पर पीला मोजैक बीमारी का विशेष प्रभाव पड़ता हैं। अत: इसकी रोकथाम के लिए ड़ार्इमेथोएट 30 र्इ.सी. की एक लीटर मात्रा 1000 लीटर पानी में धोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
मूँगफली
1. मूँगफली में दूसरी निरार्इ-गुड़ार्इ बोआर्इ के 30-35 दिन बाद करे व साथ ही साथ मिÍी भी चढ़ा दें।
2. मूँगफली की टिक्का बीमारी, जिसमें पतितयों पर भूरे गोल धब्बे बन जाते है, की रोकथाम के लिए जिंक मैग्नीज कार्बामेंट 2.0 किग्रा या जिनेब 75 प्रतिशत की 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 1000 लीटर पानी में धोल बनाकर 10 दिन के अन्तराल पर 2-3 छिड़काव करना चाहिए।
सूरजमुखी
1 सूरजमुखी में बोआर्इ के 15-20 दिन बाद फालतू पौधों को निकालकर लाइन में पौधें की दूरी 20 सेंमी कर लेनी चाहिए।
2 फसल मे बोआर्इ के 40-45 दिन बाद दूसरी निरार्इ-गुडार्इ के साथ ही 15-20 सेंमी मिÍी चढा़ दें।
3 सूरजमुखी में बोआर्इ के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में प्रति हेक्टेयर 40 किग्रा नाइट्रोजन (87 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग कर देनी चाहिए।
गन्ना
गन्ना को बाँधने का कार्य इस माह में अवश्य कर लें। इस समय गन्ने की लम्बार्इ लगभग 2 मीटर हो जाती हैं। ध्यान रहे कि बाँधते समय हरी पतितयां एक समूह में न बँधें।
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