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Uttar Pradesh

राई (सरसों) की खेती

मुख्य बिन्दु:
१. विरलीकरण किया जाये |
२.सल्फर का प्रयोग किया जाये |
३.आई. पी. एम् का प्रयोग किया जाये |

जौ की खेती

मुख्य बिन्दु :

१. परिस्थित के अनुसार  अनुसार उपयुक्त प्रजातियों का चयन कर शुद्घ एवं प्रमाणित बीज बोयें।

२. मृदा परीक्षण के आधार पर संस्तुति अनुसार उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करे।

३. खरपतवारों के नियंत्रण हेतु संस्तुत रसायनों का समय से प्रयोग किया जायें।

रबी मक्का की खेती

कुसुम की खेती

हरे चारे हेतु हाइब्रिड नेपियर की खेती

अन्य सुझाव:

हरे चारे के लिए किसान सुबबूल को भी उगा सकता है। यह एक वृक्षनुमा पौधा होता है जिससे वर्ष भरा हरा चारा मिलता है। लेकिन इस बात का विशेष सावधानी रखनी पड़ती है कि इसे १५ प्रतिशत हरी पत्तियॉ सूखे चारे के साथ मिलाकर पशुओं को खिलाया जा सकता है। सुबबूल लगाकर किसान अपने प्रक्षेत्र की रखवाली भी कर सकता है।

बाजरा का हरा चारा

ग्वार का हरा चारा

मक्का का हरा चारा

मकचरी

ज्वार का हरा चारा

बहु कटान वाली ज्वार

एम.पी. चरी एवं पूसा चरी २३ एस.एस.जी ५९-८ (मिठी सुडान) एम.एफ.एस.एच.३ पन्त संकर ज्वार-५ इन्हे एक से अधिक कटाई के लिए ज्वार की सबसे अच्द्दी किस्म माना गया है। इसमें ७-९ प्रतिशत प्रोट्रीन होती है तथा ज्वार मे पाया जाने वाला विष हाइड्रोसायनिक अम्ल भी कम होता है।

लोबिया का हरा चारा

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