द्दिल्कायुक्त छः धारीय प्रजातियाँ मैदानी क्षेत्र
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क्र.सं.
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प्रजातियॉ
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अधिसूचना की तिथि
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उत्पादकता (कु०/हेक्टेयर)
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पकने की अवधि
(दिनों में)
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विषेश विवरण
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१.
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ज्योति (के०५७२/१०)
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२५-२८
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१२०-१२५ (विलम्ब से)
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सिंचित दशा विलम्ब से बुवाई हेतु कण्डुवा एवं स्टइप अवरोधी। मैदानी क्षेत्र हेतु उपयुक्त।
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२.
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आजाद (के० १२५)
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२८-३२
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११०-११५
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असिंचित दशा तथा ऊसरीली भूमि चारा तथा दाना के लियें उपयुक्त कण्डुआ एवं स्ट्राइप अवरोधी मैदानी क्षेत्र हेतु।
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३.
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के०-१४१
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३०-३२
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१२०-१२५
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असिंचित दशा चारा एवं दाना के लिये उपयुक्त नीलाभ कण्डुआ एवं स्ट्राइप अवरोधी। मैदानी क्षेत्र हेतु।
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४.
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हरितमा (के०-५६०)
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३०-३५
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११०-११५
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असिंचित दशा के लिये उपयुक्त समस्त रोगो के लिये अवरोधी समस्त उत्तर प्रदेश हेतु।
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५.
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प्रीती (के० ४०९)
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४०-४२
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१०५-११२
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सिंचित दशा हेतु जौ की प्रमुख बीमारियों के प्रति अवरोधी। समस्त उत्तर प्रदेश हेतु।
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६.
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जागृति (के० २८७)
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४२-४५
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१२५-१३०
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सिंचित दशा में कण्डुआ एवं स्ट्राइप अवरोधी। उ०प्र०का मैदानी क्षेत्र हेतु।
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७.
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लखन (के० २२६)
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३०-३२
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१२५-१३०
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अंसिचित दशा के लिए उपयुक्त नीलाभ कण्डुआ एवं स्ट्राइप अवरोधी मैदानी क्षेत्र हेतु।
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८.
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मंजुला(के० ३२९)
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२८-३०
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११०-११५
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पद्देती बुवाई हेतु नीलाभ कण्डुआ अवरोधी उ०प्र० का समस्त मैदानी क्षेत्र हेतु।
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९.
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आर०एस०-६
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२५-३० सिंचित
२०-२२ असिंचित
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१२०-१२५
११०-११५
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सिंचित असिंचित तथा विलम्ब से बुवाई हेतु कण्डुआ तथा स्ट्राइप आशिंक अवरोधी। बुन्देलखण्ड क्षेत्र हेतु।
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१०.
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नरेन्द्र जौ १ (एन०डी०बी० -२०९)
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९२ (ई.) ०२.०२.०१
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२५-३० सिचित
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११०-११५
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समस्याग्रस्त ऊसर भूमि के लिए उपयुक्त जौ की प्रमुख बीमारियों के लिए अवरोधी
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११.
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नरेन्द्र जौ २
(एन०डी०बी० -९४०)
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९२ (ई.) ०२.०२.०१
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४०-४५ सिचित समय से
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११०-११५
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सिचित समय से बुवाई के हेतु जौ की प्रमुख बीमारियों के लिए अवरोधी
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१२.
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नरेन्द्र जौ ३ (एन०डी०बी०-१०२०)
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९३७ (ई.) ०४.०९.०२
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२५-३०
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११०-११५
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समस्याग्रस्त ऊसर भूमि के लिये उपयुक्त कण्डुआ के लिए अवरोधी
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१३.
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आर०डी०-२५५२
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३०-४०
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१२०-१२५
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लवणीय भूमियों के लिये उपयुक्त
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१४.
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के० ६०३
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३०-३५
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१२०-१२२
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असिंचित दशा के लिए उपयुक्त समस्त रोगो के लिये अवरोधी।
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१५.
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एन०डी०बी०-११७३ एस. ओं. १२
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ई० ०४.०२.०५
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३५-४५
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११५-१२०
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सिचित असिंचित समस्याग्रस्त एवं ऊसर क्षेत्रों हेतु उपयुक्त।
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द्दिंलका रहित प्रजातियॉ मैदानी क्षेत्र
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१.
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(के० ११४९) गीतांजली
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२५-२७
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९५-१००
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असिंचित दशा हेतु गेरूई कण्डुआ, स्ट्राइप एवं नेट ब्लाच अवरोधी। समस्त उ०प्र० हेतु।
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२.
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नरेन्द्र जौ-५ (एन० डी० बी० ९४३) (उपासना)
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१७-१८-२००८ एस० ओं० (IV) २०.०१.२००९
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३५-४५
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११५-१२०
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सिंचित समय से बुवाई पर्णीय झुलसा धारीदार रोग, गेरुई रोग, नेट ब्लाच अवरोधी मृदा में स्नातोश्जंक एवं अच्छी उपज |
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माल्ट हेतु प्रजातियॉ
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१.
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प्रगति (के० ५०८) द्दः धारीय
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३५-४०
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१०५-११०
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स्ट्रीप कण्डुआ पीली गेरूई अवरोधी।
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२.
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ऋतम्भरा (के० ५५१) (द्दः धारीय)
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४०-४५
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१२०-१२५
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सिंचित दशा में माल्ट व बीयर के लिये उपयुक्त गेरूई कण्डुआ एवं हेलमेन्थीस्पोरियम बीमारियॉ के लिये अवरोधी। समस्त उ०प्र० हेतु।
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३.
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डी.डब्लू.आर.-२८
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४०-४५
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१३०-१३५
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सिचित क्षेत्रों हेतु।
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४.
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डी.एल.-८८ (द्दः धारीय)
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४०-४२
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१२०-१२५
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सिचित पदैती बुवाई हेतु। समस्त उ०प्र हेतु।
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५.
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रेखा (बी०सी०यू० ७३) (दो धारीय)
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४०-४२
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१२०-१२५
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सिचित पूर्ण अवरोधी। समस्त उ०प्र० हेतु।
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