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Wheat

गेहूँ की खेती

 

प्रदेश में जीरों टिलेज द्वारा गेहूँ  की खेती की उन्नत विधियॉ:

प्रदेश के धान गेहूँ फसल चक्र में विशेषतौर पर जहॉ गेहूँ  की बुवाई में विलम्ब हो जाता है। गेहूँ की खेती जीरों टिलेज विधि द्वारा करना लाभकारी पाया गया है। इस विधि में गेहूँ की बुवाई बिना खेत की तैयारी किए एक विशेष मशीन (जीरो टिलेज मशीन) द्वारा की जाती है।

लाभ:

इस विधि में निम्न लाभ पाए गए है। 

गेहूँ की खेती

Package of Practices of Wheat

कठिया (ड्यूरम) गेहूं की खेती :

कठिया गेहूँ की सफल खेती के लिए मुख्य बिंदु :
१. भरपूर उपज के लिए समय पर बुवाई करना आवश्यक है |
२. असिंचित तथा अर्धसिंचित दशा में बुवाई  के समय खेत में नमी का होना अति आवश्यक है |
३. कठिया गेहूँ की उन्नतशील प्रजातियों का ही चयन करके संस्तुत बीज विक्रय केद्रों से लेकर बोना चाहिए |
४. चमकदार दानो के लिए पकने के समय आद्रता की कमी होनी चाहिए |

प्रतिकूल परिस्थितियों में गेहूँ की खेती

भण्डारण:
बदलते परिवेश में मौसम का कोई भरोसा न करके उपज को बुखारी में या बोरों में भरकर साफ सुथरे स्थान में संरक्षित करें यदि सुखी नीम की पत्ती का विछावान डाल दें तो रसायनों का प्रयोग नही करना पड़ेगा |

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